एयर इंडिया की फ्लाइट में महिला पर पेशाब करने के आरोपी की जमानत पर टली सुनवाई
New Delhi: एयर इंडिया की फ्लाइट में सहयात्री के ऊपर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई 30 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी.
पटियाला हाउस कोर्ट के एडिशनल सेशन जज हरज्योत सिंह भल्ला की कोर्ट अब मामले में अगली सुनवाई सोमवार को करेगी. सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता की ओर से पेश वकील अंकुर महेंद्रो ने कहा कि उन्हें जमानत याचिका की प्रति नहीं दी गई है. साथ ही कोर्ट ने यह भी पाया कि मामले के जांच अधिकारी सुनवाई के लिए मौजूद नहीं थे.
हालांकि आरोपी के वकील रमेश गुप्ता ने जमानत पर सुनवाई टालने का विरोध किया और कहा कि अगर कोर्ट सुनवाई को स्थगित करने के लिए इच्छुक है तो कृपया मुझे अंतरिम जमानत दें. यह एक कारण नहीं हो सकता है कि जांच अधिकारी यहां नहीं हैं, इसलिए स्थगित करें. शिकायतकर्ता के वकील महेंद्रो ने कहा कि उन्हें ज़मानत याचिका की कॉपी नहीं मिली है वो याचिका पढ़ना चाहते हैं.
हालांकि कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि वह इस पर अगले सप्ताह सोमवार को सुनवाई करेंगे. इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोमल गर्ग ने 11 जनवरी को आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया था तभी से वो न्यायिक हिरासत में है. आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने आरोपी शंकर मिश्रा को 6 जनवरी को बेंगलुरू में एयर इंडिया के एक विमान में नवंबर 2022 में शराब के नशे में 70 वर्षीय एक महिला पर कथित तौर पर पेशाब करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोपी वेल्स फ़ार्गो में काम करता था लेकिन मामला सामने आने के बाद कंपनी ने आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप को बेहद परेशान करने वाले बताते हुए नौकरी से निकाल दिया था.
8 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने आरोपी को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी थी लेकिन कोर्ट ने पुलिस की अर्जी ख़ारिज करते हुए आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. कोर्ट ने कहा था कि सिर्फ जनता के दबाव के कारण मामले की जांच प्रभावित नहीं होनी चाहिए आरोपी को पुलिस हिरासत में भेजने की जरूरत नहीं है. हालांकि आरोपी के वकीलों ने बताया था कि उन्होंने 28 नवंबर को महिला को एक सहमत मुआवजे की राशि का भुगतान किया था, लेकिन लगभग एक महीने बाद, 19 दिसंबर को महिला की बेटी द्वारा उन्हें पैसे वापस कर दिए गए.