ED सुप्रीम कोर्ट से बोला, अदालत से अंतरिम जमानत पाने के लिए अमीर लोग बाथरूम में गिरते हैं

 

दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में आरोपी राघव मगुंटा को सुप्रीम कोर्ट ने 12 जून तक सरेंडर करने का निर्देश दिया है. आरोपी जमानत पर बाहर है. सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक याचिका पर आया है. ED की तरफ से अतिरिक्त सॉलिस्टर जनरल एसवी राजू SC में पेश हुए. उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि याचिका पर तुरंत सुनवाई की जाए. ईडी ने मगुंटा की दो सप्ताह की अंतरिम जमानत रद्द करने की मांग की थी.

दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी को दो हफ्ते की बेल दी थी. ईडी की तरफ से पेश हुए एसवी राजू ने कहा कि पहले इन्होंने पत्नी की बीमारी को लेकर जमानत की मांग की. वो खारिज हो गई. ट्रायल कोर्ट ने कहा कि आरोपी पर गंभीर आर्थिक आरोप लगे हैं. ऐसे में जमानत नहीं दी जा सकती. इसके बाद अचानक उनकी नानी बाथरूम में फिसल गई और उनकी देखभाल के लिए उन्होंने कोर्ट से जमानत मांगी. दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को ही उनको दो हफ्ते की अंतरिम बेल दे दी थी. उन्होंने कोर्ट से कहा था कि उनकी नानी बाथरूम में फिसल कर गिर गईं हैं. इसलिए उनका ख्याल रखना होगा.

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और राजेश बिंदल की पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश को संशोधित करते हुए आरोपी की जमानत 2 सप्ताह से घटाकर 12 जून कर दी. पीठ ने उनको 12 जून तक सरेंडर करने का आदेश दिया है. ईडी दिल्ली आबकारी नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच कर रहा है. इसमें राघव मगुंटा को आरोपी बनाया गया है. ईडी ने कोर्ट में तर्क दिया कि बीमार दादी की देखभाल के लिए जमानत का बहाना एक नया हथकंडा है. अमीर लोग, घोटालेबाज और अपराधी के आरोपी इसका इस्तेमाल कर जेल से बाहर आने का रास्ता खोज रहे हैं.

ईडी का पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट में कहा कि अस्थायी जमानत के लिए अमीर लोग बाथरूम में गिर रहे हैं. दूसरे दिन आप नेता सत्येंद्र जैन बाथरूम में गिर गए. आरोपी ने जमानत मांगी है. जमानत का आधार है कि उनकी दादी को महसूस होता है कि उनकी देखभाल में उनका (आरोपी) होना जरूरी है. राजू ने तर्क दिया कि वो घोटालेबाज हैं. वो अस्पतालों का प्रबंधन कर सकते हैं. आरोपी सबूतों के साथ छेड़छाड़ भी कर सकता है.