जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा- जनता से छिपाना नहीं...

 

New Delhi: जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस रीगल लॉज स्थित कन्वेंशन हॉल में कहा कि जनता से छिपाना गुड गवर्नेंस नहीं है, अपितु जनता को बताना ही गुड गवर्नेंस है।

 उपराज्यपाल मनोज सिन्हा डीयू में जी-20 कनेक्ट व्याख्यान श्रृंखला के तहत गुड गवर्नेंस (सुशासन) पर आयोजित एक व्याख्यान कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अपना व्याख्यान प्रस्तुत कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान अपने अध्यक्षीय भाषण में डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि जब हम गुड गवर्नेंस पर बात करते हैं तो यह सम्पूर्ण समाज के लिए होनी चाहिए।

उपराज्यपाल ने अपने व्याख्यान में आगे कहा कि सरकारों द्वारा जो धन विकास पर खर्च किया जाता है, वह जनता का ही होता है, इसलिए जनता को बताया जाए कि कहां क्या चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गुड गवर्नेंस की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों का ही परिणाम है कि आज जनता ऑनलाइन जान सकती है कि किस काम पर कितना पैसा खर्च किया जा रहा है।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि गुड गवर्नेंस का दूसरा पहलू यह है कि हमारे युवाओं की प्रतिभा का सही और उचित इस्तेमाल हो। निश्चित रूप से विकसित भारत की यात्रा में इसका बड़ा योगदान होगा। सिन्हा ने कहा कि अतीत में भारत अपनी नॉलेज इकनोमी से सोने की चिड़िया था। दुनिया की जीडीपी में हमारा 25 प्रतिशत शेयर शिक्षण संस्थाओं के कारण ही था। भविष्य में भी युवाओं की भागीदारी ही तय करेगी कि देश किस ओर जाएगा।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में आगे कहा कि भारतीय सभ्यता की पहचान वसुधैव कुटुंबकम से है। उन्होंने देश में गुड गवर्नेंस की जरूरत पर भी विस्तार से बात की। कुलपति ने कहा कि हमारा देश कई क्षेत्रों में अच्छा कर रहा है। उन्होंने भगवद् गीता के श्लोक 'कर्मण्येवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचन' का जिक्र करते हुए कहा कि यही भारत में गुड गवर्नेंस का सबसे अच्छा उदाहरण है।

इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्याल के दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. प्रकाश सिंह, डीन ऑफ कॉलेजेज़ प्रो. बलराम पाणी, डीन एकेडमिक प्रो. के. रत्नाबली और एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो सहित अनेक अधिकारी, शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे।