राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एएफएमसी को ‘प्रेसिडेंट कलर’ प्रदान किया

 

पुणे। राष्ट्रपति एवं सेना की सर्वोच्च कमांडर द्रौपदी मुर्मू ने सशस्त्र बल चिकित्सा कॉलेज (एएफएमसी) को शुक्रवार को ‘प्रेसिडेंट्स कलर’ (राष्ट्रपति का निशान) से सम्मानित किया और सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा में महिला अधिकारियों की भूमिका को सराहा। पुणे स्थित एएफएमसी को उसके 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर यह पुरस्कार दिया गया।

द्रौपदी मुर्मू ने ‘कम्प्यूटेशनल मेडिसिन’ के लिए सशस्त्र बल केंद्र 'प्रज्ञा' का भी डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया। राष्ट्रपति ने कहा कि एएफएमसी ने चिकित्सा शिक्षा में उच्चतम मानक वाले संस्थान के रूप में प्रतिष्‍ठा प्राप्‍त की है। उन्होंने कहा ‘‘इस संस्थान के स्नातकों ने युद्ध, उग्रवाद विरोधी अभियानों, प्राकृतिक आपदाओं और महामारी का सामना करने में, देश के भीतर और हमारी राष्ट्रीय सीमाओं के बाहर अपनी समर्पित सेवा के माध्यम से देश को गौरवान्वित किया है।’’

उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्‍नता हुई कि एएफएमसी से स्नातक करने वाली कई महिला कैडेट ने सशस्त्र बल चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उच्च पदों पर कार्य किया है। उन्होंने विश्वास जताया कि उनसे प्रेरणा लेकर और अधिक महिलाएं सशस्त्र बलों में अपना करियर चुनेंगी।

द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “आज हम चिकित्सा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, प्रिसिजन मेडिसिन, 3डी प्रिंटिंग, टेलीमेडिसिन और अन्य प्रौद्योगिकियों का उपयोग देख रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाएं सैनिकों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य और युद्ध के लिए सदैव तैयार रखने में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। उन्होंने कहा, “इसलिए, उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी तीनों सेनाओं के सभी कर्मियों का चिकित्सा उपचार उच्चतम स्तर का हो।

उन्होंने एएफएमसी की टीम से चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान पर बल देने और नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की अपील की। उन्होंने विश्वास जताया कि एएफएमसी की टीम अपने सभी कार्यों में उत्कृष्टता के लिए प्रयत्‍न करती रहेगी।” ‘राष्ट्रपति का निशान’ किसी सैन्य इकाई को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।

सशस्त्र बलों में शामिल हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और सिख पुजारियों ने अभिषेक संबंधी अनुष्ठान किया जिसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने एएफएमसी को राष्ट्रपति का निशान प्रदान किया। इस कार्यक्रम में केंद्र एवं महाराष्ट्र सरकारों और सशस्त्र बलों के गणमान्य व्यक्तियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।