MP के छिंदवाड़ा में बैंक का अजब कारनामा, मृत किसान को दिया लोन, वसूली के नोटिस से परिजन परेशान

 

 Chhindwara: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में अजब कारनामा सामने आया है. यहां बैंक ने मतृ किसान को लोन दे दिया. जबकि उन्होंने कभी कोई कर्ज लिया ही नहीं था.  जीते जी भले ही किसान लोन के लिए बैंक के चक्कर काट कर परेशान हो जाते हैं और उसे कई बार लोन नहीं मिलता, लेकिन छिंदवाड़ा में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां किसान की मौत के 3 साल बाद लोन दे दिया गया. अब परिजनों को कर्ज वसूली के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं. जिसकी शिकायत किसान के परिजनों ने कलेक्टर से की है.

चौरई तहसील के टूनवाड़ा गांव के रहने वाले रामदयाल वर्मा ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए बताया है कि उसके पिता अजब सिंह वर्मा का निधन 2006 में ही हो चुका है, लेकिन छिंदवाड़ा के स्टेट बैंक द्वारा 2009 में पिता के नाम पर कर्ज लेना बताया जा रहा है. उन्हें इसकी जानकारी बैंक द्वारा जारी की गई. नोटिस के बाद पता चला बैंक ने ₹275000 जमा करने के लिए परिजनों को नोटिस जारी किया है. जबकि उन्होंने कभी कोई कर्ज ही नहीं लिया है. इतना ही नहीं उन्हें इस बैंक के बारे में जानकारी भी नहीं है.

साल 2018 में कमलनाथ सरकार ने किसानों का ₹200000 तक का कर्ज माफ करने के लिए घोषणा की थी. परिजन उस समय चौंक गए थे, जब उनके पास कमलनाथ सरकार द्वारा बैंक की तरफ से 2 लाख रुपए कर्ज माफी का पत्र आया था. तब उन्हें जानकारी लगी कि उनके पिताजी के नाम पर फर्जी तरीके से कर्ज बताया जा रहा है, लेकिन उनका कहना था कि जब हमने कोई कर्ज लिया ही नहीं है तो फिर माफी कैसी.

मृतक किसान के पुत्र ने बताया कि बैंक के अधिकारी उनके घर नोटिस के बाद कर्ज वसूली के लिए भी पहुंचते हैं और कुर्की की धमकी देते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने कोई कर्ज लिया ही नहीं. जिस व्यक्ति की 2006 में मौत हो चुकी है, उनके नाम से 3 साल बाद बैंक ने आखिर किसे कर्ज दिया है. यह बैंक का मामला है, लेकिन बेवजह परिजनों को परेशान किया जा रहा है.

मामले में मृतक किसान के परिजनों ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए कहा है कि पिताजी के नाम पर बैंक का कर्ज दिखाया जा रहा है. जिसकी वजह से अब उनके नाम की जमीन में भी किसी भी तरह का दूसरे बैंकों से लेनदेन नहीं कर पा रहे हैं. जिसकी चलते उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसान के परिजनों ने कलेक्टर से मांग की है कि वह इस मामले मैं बैंक को निर्देशित कर फर्जी कर्ज की राशि का खत्म कराएं.