CM नीतीश कल करेगी सामाजिक सुरक्षा पेंशन की बढ़ी राशि ट्रांसफर, पहली बार डीबीटी के माध्यम से होगा राशि का वितरण
Patna: बिहार की नीतीश सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत एक ऐतिहासिक पहल करते हुए शुक्रवार को राज्य के 1 करोड़ 11 लाख 19 हजार लाभार्थियों के खातों में 1227 करोड़ 27 लाख रुपए की पेंशन राशि ट्रांसफर करेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार डीबीटी के माध्यम से यह राशि भेजेंगे, जिसमें पेंशन राशि को 400 रुपए से बढ़ाकर 1100 रुपए किया गया है. यह अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि मानी जा रही है, जिससे बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगजनों को राहत मिलेगी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल यानी (गुरुवार) को पहली बार बढ़ी हुई पेंशन की राशि का वितरण डीबीटी के माध्यम से करेंगे। इस अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें मुख्यमंत्री स्वयं पेंशन लाभार्थियों से संवाद भी कर सकते हैं।
इस योजना के तहत सरकार इस बार कुल 1227 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है, जो अब तक का सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा बजट है। इसका सीधा लाभ उन लोगों को मिलेगा जो वर्षों से मात्र 400 की मासिक सहायता पर निर्भर थे।
पेंशन में इस वृद्धि से समाज के कमजोर वर्गों को आर्थिक सहारा मिलेगा और उनके जीवन स्तर में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। सरकार का दावा है कि यह फैसला राज्य के सामाजिक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बिहार सरकार हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है, और इस पेंशन वृद्धि के जरिए यह दिखाया गया है कि गरीबों और जरूरतमंदों की चिंता राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। बता दें कि अब तक बिहार में सामाजिक सुरक्षा के तहत दी जाने वाली वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांग पेंशन की राशि 400 प्रति माह थी, जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम मानी जाती थी। लंबे समय से इसकी राशि बढ़ाने की मांग हो रही थी।
कल यानी (गुरुवार) से यह नई व्यवस्था लागू होगी और लाभार्थियों के खाते में बढ़ी हुई राशि सीधे ट्रांसफर की जाएगी। सरकार का कहना है कि पेंशन राशि को समय पर और पारदर्शी तरीके से पहुंचाने के लिए डीबीटी प्रणाली को अपनाया गया है।
सरकार के इस कदम को सामाजिक सुरक्षा और कल्याण की दिशा में एक मजबूत संदेश माना जा रहा है. पेंशन राशि में 3 गुना बढ़ोतरी से स्पष्ट है कि राज्य सरकार वंचित वर्गों के आर्थिक सशक्तिकरण को प्राथमिकता दे रही है.