मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से लाई गई मादा चीता 'साशा' की मौत
Kuno National Park: देश में चीता प्रोजेक्ट के लिए 27 मार्च का दिन निराशा भरा रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से आए जिन चीतों को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। उनमें से एक फीमेल चीता साशा की मौत हुई है। साशा प्रेग्नेंट बताई जा रही थी। इसकी किडनी में कुछ संक्रमण की भी पहले जानकारी आई थीं।
कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए 8 चीतों में से साशा जनवरी से बीमार थी। MP में चीता प्रोजेक्ट पीएम मोदी का प्रोजेक्ट था। इसलिए उसके बीमार होने की जानकारी मिलते ही अधिकारियों की चिंता बढ़ गई थी। कुछ दिनों बाद ही साशा की सेहत में सुधार हो गया था। बीमारी के दौरान साशा को बड़े बाड़े से निकालकर छोटे बाड़े में छोड़ा गया था। स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की निगरानी में उसका इलाज किया गया। जांच में मादा चीता को किडनी में संक्रमण की जानकारी सामने आई थी। भोपाल से आई डॉक्टरों टीम उसका उपचार और देखरेख कर रही थी। हालांकि आज उसकी मौत हो गई।
वन विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी जेएन कंसोटिया ने जानकारी दी कि फीमेल चीता सुबह मृत अवस्था में पाई गई है। लेकिन उसकी मौत कब हुई यह फिलहाल अभी स्पष्ट नहीं किया जा सकता। भोपाल से फॉरेस्ट और वेटनरी डॉक्टरों की एक टीम कूनो पहुंच गई है।
नामीबिया से लाकर कूनो राष्ट्रीय पार्क में छोड़ी गई मादा चीता साशा को डॉक्टरों की टीम ने 22 जनवरी को उसे सुस्त पाया था। चीतों के स्वास्थ्य की देखरेख के लिए तैनात 3 पशु चिकित्सकों ने साशा की स्वास्थ्य जांच की। यह पाया कि उसे इलाज की आवश्यकता है। उसी दिन उसे क्वारेंटाइन बाड़े में लाया गया। क्वारेंटाइन बाड़े में लाने की प्रोसेस में साशा का ब्लड सैम्पल भी लिया गया। जिसका जांच वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में स्थित लैब में अत्याधुनिक मशीनों से किया गया। खून के नमूने की जांच रिपोर्ट में पता चला कि साशा को किडनी में संक्रमण है। वन विहार भोपाल से वन्यप्राणी चिकित्सक और एक अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक को पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन के साथ कूनो राष्ट्रीय उद्यान भेजा गया। साशा के परीक्षण से किडनी की बीमारी की पुष्टि हुई है।
वन विभाग ने प्रेस रिलीज कर जानकारी दी कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन ने चीता कंजर्वेशन फाउंडेशन और भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिकों नामीबिया से साशा की उपचार हिस्ट्री मंगाई थी। ट्रीटमेंट हिस्ट्री में पता चला कि 15 अगस्त 2022 को नामीबिया में किए गए अंतिम खून के नमूने की जांच में क्रियेटिनिन का स्तर 400 से अधिक पाया गया। इससे यह पुष्टि भी होती है कि साशा को किडनी की बीमारी कूनो नेशनल पार्क आने से पहले से ही थी।