हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा, परिवहन विभाग बेड़े में जल्द शामिल होंगे इलेक्ट्रिक वाहन
Shimla: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश में विद्युत चालित वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है और परिवहन विभाग में जल्द ही पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग शुरू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2025 तक राज्य को हरित राज्य घोषित करने का लक्ष्य रखा है। विधायक प्राथमिकता बैठक के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में कांगड़ा जिला के विधायकों के साथ चर्चा में उन्होंने यह बात कही।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आगामी एक साल के भीतर सभी सरकारी वाहन इलेक्ट्रिक वाहनों से बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। केवल आवश्यकतानुसार ही डीजल चालित वाहनों की खरीद के लिए मुख्य सचिव स्तर पर सीमित अनुमति प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार परियोजना कार्य पूर्ण करने की समय सीमा निर्धारित करेगी और इसके लिए निविदा होते ही कार्य पूरा करने की तिथि भी निश्चित कर ली जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिए प्रदेशभर में चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की जा रही है। इसके लिए अभी तक 110 स्थल चिह्नित किए जा चुके हैं, जबकि लगभग 700 सरकारी भवनों में भी इन चार्जिंग स्टेशनों के लिए स्थल का चुनाव किया जा चुका है। परिवहन निगम के बेड़े में भी चरणबद्ध ढंग से विद्युत चालित वाहनों को जोड़ा जाएगा ताकि सार्वजनिक परिवहन में इनके उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके।
नदियों एवं खड्डों में अवैध खनन पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सम्बन्धित विभागों को इसकी रोकथाम के लिए व्यापक कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पुलों एवं सिंचाई परियोजनाओं के निश्चित दायरे में खनन गतिविधियों पर रोक लगाने पर विचार कर रही है। उन्होंने जलशक्ति विभाग को खड्डों में बाढ़ प्रबन्धन के दृष्टिगत उचित स्थानों पर चेक डैम निर्मित करने के भी निर्देश दिए।
प्रदेश में नशे की रोकथाम एवं नशीले पदार्थों की बिक्री पर पूर्ण रूप से रोक लगाने पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा तथा अन्य जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में कड़ी निगरानी के लिए पुलिस और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
इसके लिए पड़ोसी राज्यों से लगते क्षेत्रों में निगरानी तंत्र को और मज़बूत किया जा रहा है। स्वास्थ्य एवं शिक्षा से जुड़े मामलों पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने इन विभागों के पुनर्गठन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार इसके लिए दीर्घकालिक सोच के साथ ठोस एवं सार्थक कदम उठा रही है।