MP News: चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, OBC वर्ग के बड़े चेहरे दामोदर सिंह यादव ने दिया सभी पदों से इस्तीफा

 

संवाददाता काशी नाथ 

MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगाया दरअसल, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग विभाग के दामोदर सिंह यादव ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।

बता दे दामोदर यादव सेवाड़ा विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया। सेवाड़ा विधानसभा से कांग्रेस ने घनश्याम सिंह को प्रत्याशी बनाया है। वहीं बुंदेलखंड क्षेत्र में भी ओबीसी वर्ग को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से दामोदर यादव नाराज बताए जा रहे थे। इसके अलावा उनके कई समर्थकों को भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने आज सभी पदों और कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

दामोदर यादव ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी को त्यागपत्र लिखते हुए बताया कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए घोषित प्रत्याशियों की सूची में सिर्फ 23 से 24% ही पिछड़ा वर्ग को मौका दिया गया है। आप हर सभा और प्रेस कॉन्फ्रेंस में जितनी आबादी उतना हक की बात कर रहे हैं यहां तक की कुछ दिन पूर्व दिल्ली प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी दलित पिछड़े पत्रकार कितने यह भी गिनती कर रहे थे तो फिर अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को सूची में पिछड़ों को हक क्यों नहीं?

दामोदर यादव ने लिखा कि मैंने कुछ दिन पहले ओबीसी कांग्रेस का कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते कमलनाथ और सुरजेवाला को मांग पत्र सौंप कर ओबीसी के लिए 126 टिकटों की मांग की थी। लेकिन हमें 55 टिकट दिए गए और पाल, बघेल, एवं केवट मांझी, धोबी समाज बड़ी संख्या में है लेकिन उन्हें एक भी टिकट नहीं दिया गया पिछड़ों की आबादी 3.5 करोड़ मतदाता और टिकट सिर्फ 55 दिए और सामंतशाहियों की आबादी सिर्फ 10 लाख, लेकिन 35 टिकट दिए गए। यह घर ना इंसाफी है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

दामोदर यादव ने आगे लिखा कि प्रदेश में एक सामंती नेता अपने नाकाबिल बेटे को बनाना चाहता है और उसी की बातों में और दबाव में कमलनाथ गलत निर्णय करके पार्टी को बर्बाद कर रहे हैं। दरअसल कमलनाथ जी जितने ज्यादा सीधे और अच्छे व्यक्ति हैं। दूसरा सामंती उतना ही दुष्ट प्रवृत्ति का नेता है। जी जिसने कांग्रेस को समाप्त करने की सुपारी ले रखी है। इसलिए सिंधिया को पार्टी से बाहर भी उसी नेता ने किया था और कमलनाथ जी मूक दर्शक बने रहे