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उज्जैन में महाकाल का महाशिवरात्रि पर्व शुरू,आज से दूल्हे की तरह सज रहे बाबा

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उज्जैन में महाकाल का महाशिवरात्रि पर्व शुरू,आज से दूल्हे की तरह सज रहे बाबा

महाकाल का नवशिवरात्रि पर्व आज से शुरू हो गया है। नौ दिन तक चलने वाले इस पर्व के लिए रोजाना बाबा महाकाल को दूल्हे की तरह सजाया जाएगा। उन्हें उबटन चढ़ाया जाएगा और पंचमी के दिन विशेष रूप से हल्दी चढ़ाई जाएगी।

विश्व प्रसिद्ध उज्जैन के ज्योतिर्लिंग में आज से महाकाल का नवशिवरात्रि पर्व शुरू हो गया है। आज से एक मार्च को महाशिवरात्रि तक यह पर्व चलेगा जिसमें रोजाना महाकाल का विशेष प्रकार का श्रृंगार किया जाएगा। कोटेश्वर भगवान का अभिषेक कर महाकाल मंदिर के गर्भगृह में नौ दिन तक विशेष पूजन अर्चन किया जाएगा। प्रतिदिन शाम को पंचामृत पूजन के बाद अलग-अलग तरह से महाकाल का श्रृंगार किया जाएगा। साड़ियां माता को अर्पित की जाएंगी।

हल्दी वर्जित मगर पंचमी पर चढ़ती है हल्दी
महाकाल मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि शिवजी को हल्दी वर्जित रहती है लेकिन शिवरात्रि पर्व में पंचमी के दिन महाकाल को विशेष रूप से हल्दी चढ़ाई जाती है। इसके अलावा महाकाल को कभी हल्दी नहीं चढ़ती। महाशिवरात्रि तक भगवान महाकाल को उबटन लगाया जाएगा। महेश पुजारी का कहना है कि इस उबटन को लोग अपने घर भी ले जाते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि महाकाल को समर्पित उबटन को घर में रखने से परिवार में शादी लायक बच्चों की जल्दी शादी हो जाती है।

आज चंदन तो कल शेषनाग श्रृंगार
शिवनवरात्रि के पहले दिन भगवान महाकाल का चन्दन का श्रृंगार किया गया। श्रृंगार में कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्ड माला, छत्र रहा। मंगलवार को शेषनाग श्रृंगार, 23 फरवरी को घटाटोप श्रृंगार, 24 फरवरी को छबीना श्रृंगार, 25 फरवरी को होल्कर श्रृंगार, 26 फरवरी को श्री मनमहेश श्रृंगार, 27 फरवरी को श्री उमा-महेश श्रृंगार, 28 फरवरी को शिवतांडव श्रृंगार तथा महाशिवरात्रि पर सतत जलधारा रहेगी।

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