"मैंने हमेशा अपनी शर्तों पर ज़िंदगी जी है" – एक्ट्रेस सोमी अली

सोमी अली सिर्फ सात सालों तक बॉलीवुड का हिस्सा रहीं, लेकिन आज भी उन्हें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की बेहतरीन अभिनेत्रियों में गिना जाता है। सेट उनके लिए नया नहीं था, लेकिन उन्होंने हमेशा समझा कि लोग अक्सर ऑनस्क्रीन और ऑफस्क्रीन दोनों जगह एक्टर्स की नकल करते हैं। हालांकि, सोमी कभी किसी की नकल करने वालों में नहीं रहीं।
जब उनसे पूछा गया कि लोग आजकल सेलिब्रिटीज़ की फैशन, फिटनेस, लाइफस्टाइल या रिश्तों की नकल ज़्यादा करते हैं, तो उन्होंने कहा, “हम भूल जाते हैं कि सेलिब्रिटी भी हमारी तरह ही इंसान होते हैं—बस उनके पास नाम और ताकत ज़्यादा होती है। दुख की बात ये है कि जब ये ताकत गलत दिशा में इस्तेमाल होती है तब भी उन्हें कोई सज़ा नहीं मिलती और लोग उन्हें पूजते ही रहते हैं, चाहे उन्होंने कुछ भी गलत क्यों न किया हो।”
सोमी बताती हैं कि वो बचपन से ही कैमरों और फिल्मी दुनिया के करीब रहीं। “मैंने हमेशा अपनी शर्तों पर ज़िंदगी जी है। मैं बचपन से फिल्म स्टूडियो में पली-बढ़ी हूं, क्योंकि मेरे पिता पाकिस्तान के सबसे बड़े फिल्म प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और DOP थे। मैंने पहली बार कैमरे का सामना सिर्फ पांच साल की उम्र में एक ऐड फिल्म के दौरान किया था। इसलिए फिल्म और ऐड वर्ल्ड मेरे लिए कोई चकाचौंध वाली चीज़ कभी नहीं रही। किसी भी सेलिब्रिटी की नकल करने का ख्याल भी कभी नहीं आया।”
वो आगे बताती हैं कि उल्टा उनके कुछ आइडियाज को ही अब सेलिब्रिटीज़ फॉलो करते हैं। “हकीकत तो ये है कि मेरे NGO और मेरी टी-शर्ट डिज़ाइन्स को एक सेलिब्रिटी ने कॉपी किया है, जो मेरे लिए एक तरह से तारीफ ही है।” वो आगे कहती हैं, “एक कहावत है—‘अपने हीरोज़ से कभी मत मिलो, क्योंकि वो तुम्हें निराश करेंगे।’ और यकीन मानिए, मैंने ये बात कई बार अपने जीवन में सच होते देखी है।”
मनोरंजन जगत की चकाचौंध और कड़वी सच्चाई दोनों को करीब से देखने वाली सोमी कहती हैं, “यह एक बड़ी समस्या है कि इन लोगों के पास हमेशा एक ‘गेट आउट ऑफ जेल फ्री’ कार्ड होता है। अमेरिका या दुनिया के किसी भी कोने में ऐसे सेलिब्रिटीज़ या नेताओं को उनके अपराधों की सज़ा मिलने में सालों लग जाते हैं। असल ज़िंदगी में कई बार बुरे लोग जीत जाते हैं और जो लोग दर्द सहते हैं, उन्हें न्याय नहीं मिल पाता।”
अपनी एक्टिंग जर्नी को सोमी "एक संयोग" मानती हैं। “कौन 16 साल की उम्र में सिर्फ एक एक्टर से शादी करने के इरादे से इंडिया आता है और फिर धर्मेंद्र जी खुद आगे आकर बॉबी देओल के साथ मुझे लॉन्च करने की बात करते हैं? मेरी एक्टिंग की जर्नी पूरी तरह किस्मत से थी। मैं बॉलीवुड के टॉप एक्टर्स के साथ लीड रोल में काम करने लगी, जबकि मेरा कोई इंटरेस्ट ही नहीं था।”
वो आगे कहती हैं, “अगर कोई शब्द मेरी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की जर्नी को बयां कर सकता है तो वो है – संयोग। इसके बाद हॉलीवुड की तरफ से भी ऑफर आया—Fight or Flight नाम का मेरा रियलिटी शो Discovery+ और Amazon Prime पर आया। ये भी पूरी तरह किस्मत से ही हुआ।”
सोमी मानती हैं कि जो होना होता है, वो होकर रहता है। “चाहे अच्छा हो या बुरा, अगर किस्मत में लिखा है, तो उससे कोई नहीं बच सकता। परवीन बाबी, गुरु दत्त या मर्लिन मुनरो—टॉप पर पहुंचने के बाद इंसान बहुत अकेला हो जाता है। जितने बड़े आप बनते हैं, उतने कम लोग आपके साथ रह जाते हैं।”
वो साफ शब्दों में कहती हैं, “जब आप सेलिब्रिटी बनते हैं, तो लोग आपसे कुछ न कुछ चाहते हैं। कोई आपको इस्तेमाल करता है, कोई झूठ बोलता है, कोई धोखा देता है और कुछ लोग तो ब्लैकमेल भी करते हैं। ये सब उस रास्ते का हिस्सा है जो हमने चुना है—हमने अपनी आत्मा बेच दी है।”
हालांकि वो मानती हैं कि सेलिब्रिटी बनने के कुछ फायदे हैं, लेकिन नुकसान भी कम नहीं हैं। “कितने ऐसे सेलिब्रिटी हैं जो बिना शराब के सो नहीं पाते? क्योंकि उनके अंदर बहुत से डर और दर्द छिपे हैं। मेरी नजर में ये एक अंधेरी दुनिया है। एक बच्चे को तस्करी से बचाना किसी हीरो की पूजा करने से कहीं ज़्यादा ज़रूरी है। लेकिन लोग वो सुनना ही नहीं चाहते। उन्हें सच्चाई नहीं, एक फैंटेसी पसंद है—और मुझे नहीं लगता कि ये जल्दी बदलेगा।”
अंत में सोमी कहती हैं, *“मैं एक यथार्थवादी इंसान हूं। मेरे जवाब हमेशा सच्चे होंगे, क्योंकि मुझे फर्क नहीं पड़ता कि लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं। सच तो ये है कि जब लोग मेरी बुराई करते हैं या मेरी हर बात को फॉलो करते हैं, तो मुझे यकीन हो जाता है कि मैं सही रास्ते पर हूं। यही तो होता है सेलिब्रिटी होने का नतीजा। मैं इन सब बातों को नजरअंदाज करती हूं और अपनी राह चलती हूं। मुझे किसी भी सेलिब्रिटी से कुछ नहीं चाहिए—इसलिए मैं परवाह नहीं करती। मैं किस्मत में विश्वास रखती हूं।”