"मेरा लक्ष्य हमेशा हमारे सनातन किरदारों के प्रति सच्चा और ईमानदार रहना है"- अभिनेता अक्षय नलावडे

अभिनेता अक्षय नलावडे इन दिनों शिव शक्तिः तप त्याग तांडव और काकभुशुंडी रामायण जैसे पौराणिक शोज़ में गरुड़ देव का किरदार निभा रहे हैं। ऐसे किरदारों को निभाने के लिए वो लगातार पुराने धार्मिक ग्रंथों को पढ़ते हैं और कोशिश करते हैं कि इन किरदारों की सच्चाई बरकरार रहे। साथ ही वो ये भी चाहते हैं कि दर्शक इन किरदारों से जुड़ सकें, इसलिए वो उन्हें थोड़ा मानवीय रूप भी देने की कोशिश करते हैं।
अक्षय कहते हैं, "मेरा मकसद यही होता है कि मैं हमारे सनातन धर्म के किरदारों को पूरी सच्चाई और श्रद्धा से निभाऊं। मैं कभी नहीं चाहता कि इनके इतिहास या भाव को गलत तरीके से दिखाया जाए। लेकिन साथ ही मैं यह भी चाहता हूं कि लोग गरुड़ देव को सिर्फ एक शक्तिशाली देवता ही नहीं, बल्कि एक ऐसे किरदार के रूप में भी देखें जो भावनाओं और उद्देश्य से भरा हो। इससे किरदार और ज़्यादा जीवंत लगता है।”
पौराणिक किरदारों के संवाद आमतौर पर संस्कृत और कठिन हिंदी में होते हैं। इस बारे में अक्षय बताते हैं, "ऐसी भाषा हम रोज़ की बातचीत में नहीं बोलते। यह बहुत सुंदर, भावपूर्ण और लय में होती है। इसलिए इसे बोलना थोड़ा कठिन होता है। मैंने अपनी बोलने की शैली, उच्चारण और लय पर काफ़ी मेहनत की। लगातार अभ्यास करने से मुझे इसमें सुधार हुआ।”
अक्षय मानते हैं कि गरुड़ देव का किरदार निभाने से उन्हें धर्म और पौराणिक कथाओं को और गहराई से समझने का मौका मिला। वे कहते हैं, “जितना मैंने पढ़ा और इन किरदारों को निभाया, उतना ही मैंने महसूस किया कि इन कहानियों में कितनी गहराई और ज्ञान छिपा है। अब ये सिर्फ अभिनय नहीं रह गया है, बल्कि मेरे लिए एक आत्मिक और सीखने की यात्रा बन गई है।”
अक्षय का मानना है कि आज की तेज़ जिंदगी में लोग फिर से पौराणिक कहानियों की ओर लौट रहे हैं। वो कहते हैं, “आज के दौर में जहां सब कुछ भागदौड़ भरा है, लोग ऐसी कहानियां देखना चाहते हैं जो उन्हें शांति, प्रेरणा और विश्वास दे सकें।” वो अंत में कहते हैं, “पौराणिक शोज़ हमें ऐसे मूल्यों की याद दिलाते हैं जो कभी पुराने नहीं होते—जैसे सच्चाई, भक्ति, निष्ठा और धर्म। अगर इन्हें ईमानदारी और दिल से पेश किया जाए, तो आज की पीढ़ी भी इनसे ज़रूर जुड़ती है।”