मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया स्टेनलेस स्टील सेक्टर में पहले ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट का उद्घाटन
New Delhi: केंद्रीय इस्पात एवं नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने आज एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन भारत के इस्पात उद्योग को बदल रहा है और भारत हरित नेता के रूप में उभर रहा है।
मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड, हिसार में स्थित स्टेनलेस स्टील सेक्टर में भारत के पहले ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट का वर्चुअली उद्घाटन कर रहे थे। इस मौके पर इस्पात मंत्रालय के सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा, जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल और हाइजेन-को के संस्थापक अमित बंसल और इस्पात मंत्रालय के अन्य अधिकारी मौजूद थे।
इस अवसर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, एक सरकार के रूप में हम 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कंपनियों, नागरिकों और राज्य सरकारों को हरित विकास और हरित नौकरियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने कहा कि नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन 20,000 करोड़ के परिव्यय के साथ लांच किया गया था, जिसका उद्देश्य भारत को ग्रीन हाइड्रोजन और उसके डेरिवेटिव के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना था।
देश के पहले दीर्घकालिक ऑफ-टेक ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र के चालू होने के लिए हाइजेन-को और जिंदल स्टेनलेस को बधाई देते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने कहा, यह परियोजना न केवल सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है बल्कि जिम्मेदार औद्योगिक प्रथाओं की क्षमता को प्रदर्शित करते हुए मूल्यवान रोजगार के अवसर भी पैदा करती है।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि यह स्टेनलेस स्टील उद्योग के लिए दुनिया का पहला ऑफ-ग्रिड ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट और छत और फ्लोटिंग सोलर वाला दुनिया का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट होगा। यह परियोजना एक अत्याधुनिक हरित हाइड्रोजन सुविधा भी है, जिसका लक्ष्य कार्बन उत्सर्जन को लगभग 2,700 मीट्रिक टन प्रति वर्ष और अगले दो दशकों में 54,000 टन कार्बनडाईऑक्साइड उत्सर्जन को कम करना है।