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राष्ट्रपति मुर्मू गुरुवार को भोपाल में करेंगी उत्कर्ष और उन्मेष उत्सव का उद्घाटन

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राष्ट्रपति मुर्मू गुरुवार को भोपाल में करेंगी उत्कर्ष और उन्मेष उत्सव का उद्घाटन

Unmesha 2023: गुरुवार 3 अगस्त से भोपाल में एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव 'उन्मेष' का आयोजन होने जा रहा है. इस साहित्य उत्सव में देश-दुनिया के सैकड़ों लेखक, कवि और पत्रकार जुटेंगे.

साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि 'उन्मेष' भारत का सबसे समावेशी साहित्य उत्सव है और भाषाओं की संख्या के प्रतिनिधित्व के मामले में यह एशिया का सबसे बड़ा साहित्य उत्सव तो है ही परंतु जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा साहित्य उत्सव बनने की राह पर है. उन्होंने कहा कि 'उन्मेष' के हर संस्करण में हम नए विषयों को जोड़ने का प्रयास करते हैं ताकि लेखकों के नए समूह को चर्चा में शामिल होने का अवसर मिल सके.

के. श्रीनिवासराव ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव के साथ ही संगीत नाटक अकादमी द्वारा 'उत्कर्ष' शीर्षक से लोक एवं जनजातीय प्रदर्शनकारी कलाओं का राष्ट्रीय उत्सव भी आयोजित किया जा रहा है. इन दोनों समारोहों का उद्घाटन भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा किया जाएगा.

इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी एवं भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव उमा नंदूरी भी उपस्थित रहेंगी. इस उत्सव को साहित्य अकादमी, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और मध्य प्रदेश शासन संयुक्त रूप से आयोजित कर रहे हैं.

साहित्य अकादमी के सचिव ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव उन्मेष में 75 से अधिक कार्यक्रमों में 100 भाषाओं के 575 से अधिक लेखक सहभागिता कर रहे हैं. भारत के अतिरिक्त 13 अन्य देशों के लेखक भी उत्सव में शामिल होंगे.

अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव में बहुभाषी कविता और कहानी पाठ के अलावा कई अन्य ऐसे विषय हैं जिन पर पहली बार चर्चा होगी. ये विषय हैं- चिकित्सकों का साहित्य, सागर साहित्य, मशीनों का उदय-लेखक विहीन साहित्य?, रचनात्मकता बढ़ाने वाली शिक्षा, अनुवाद, प्रगति का संचालक और आलोचनात्मक विचार, योग साहित्य, साहित्य एवं प्रकृति, ई-साहित्य आदि शामिल हैं.

के. श्रीनिवासराव ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव में देश-विदेश के महत्त्वपूर्ण लेखक, विद्वान, पत्रकार, अनुवादक, प्रकाशक, संस्कृतिकर्मी, नाट्यकर्मी, फिल्मकार भाग ले रहे हैं. कार्यक्रम में भारत में फिजी के राजदूत कमलेश शशि प्रकाश, एस.एल. भैरप्पा, शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित, वी. कामकोटि, चंद्रशेखर कंबार, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, संजय रॉय, जयंत महापात्र, ऑस्कर पुयोल, तुलसी दिवस, एम.ए. आलवार, सुरेश गोयल, गिरीश्वर मिश्र, चित्रा दिवाकारुणी, विष्णु दत्त राकेश, रमेश पोखरियाल 'निशंक', लिंडा हेस, मामि यामदा, अमीश त्रिपाठी, सोनल मानसिंह, चित्रा मुद्गल, रघुवीर चैधरी, ममता कालिया, महेश दत्तानी, वामन केंद्रे, प्रयाग शुक्ल, सुरजीत पातर, नवतेज सरना, विश्वास पाटिल, नमिता गोखले, महेंद्र कुमार मिश्र, शीन काफ़ निज़ाम, वासमल्ली के., अरुण कमल, गोविंद मिश्र, लीलाधर जगूड़ी और उषा किरण खान आदि भी उपस्थित रहेंगे.

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