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शंभू बॉर्डर पर बवाल, रेलवे ट्रैक जाम करने का ऐलान, सरकार में मंथन

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शंभू बॉर्डर पर बवाल, रेलवे ट्रैक जाम करने का ऐलान, सरकार में मंथन

पंजाब की सीमा में हरियाणा पुलिस के द्वारा ड्रोन के माध्यम से आंसू गैस के गोले फेंकें जाने के मामले को लेकर पटियाला डीसी ने हरियाणा के अंबाला के डीसी और एसपी को चिट्ठी लिखकर ऐतराज दर्ज कराया है.

पंजाब-हरियाणा से सटे शंभू बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर किसान लगातार डटे हुए हैं. एक तरफ जहां किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं तो दूसरी तरफ हरियाणा पुलिस भी हार नहीं मान रही. पुलिस ने पूरी की पूरी बॉर्डर को सील कर रखा है. हरियाणा सरकार ने 7 जिलों अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और डबवाली में 15 फरवरी तक इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश जारी किया है.

बता दें, प्रशासन द्वारा इस बार किसानों को प्रदर्शन के लिए हरियाणा और दिल्ली में किसी भी रूट पर आधिकारिक इजाजत नहीं दी गई है. पिछली बार किसान आंदोलन और प्रदर्शन की चुनिन्दा रूट पर इजाजत दी गई थी लेकिन किसान संगठनों ने इसका उल्लंघन किया था. किसान प्रदर्शनकारियों को पहले ही कानून व्यवस्था संबधित सारे पहलुओं की जानकारी दे दी गई है. प्रशासन का कहना है कि बावजूद इसके अलग प्रदर्शन कर रहे लोग बिना इजाजत के रूट पर आए तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसी बीच, कल ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के बाद कई किसानों को गंभीर चोटें आ गई थीं. ड्रोन के माध्यम से आंसू गैस के गोले फेंकें जाने के मामले को लेकर पटियाला डीसी ने हरियाणा के अंबाला के डीसी और एसपी को चिट्ठी लिखकर ऐतराज दर्ज कराया है. उनका कहना है कि पंजाब की सीमा में बिना अनुमति ड्रोन ना उड़ाए जाएं. जिसके बाद आज सुबह से हरियाणा पुलिस ने भीड़ पर ड्रोन के माध्यम से आंसू गैस के गोले नहीं बरसाए हैं। हालांकि भीड़ पर हरियाणा पुलिस के द्वारा हरियाणा की सीमा में घुसने से रोके जाने को लेकर अन्य तमाम कार्यवाही जारी है.

इसी बीच सोनीपत कॉमिशनर और दिल्ली पुलिस के सीनियर अधिकारियों की सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग हुई. इस मीटिंग में अभी वहां के हालातों पर चर्चा की गई. कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसान आंदोलन पर कहा है कि असामान्य स्थिति पैदा करने से किसी का समाधान नहीं होगा. साथ ही किसान शंभू बॉर्डर पर जंग के लिए तैयार हैं. हरियाणा पुलिस के ड्रोन को गिराने के लिए किसान पतंगों का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं, आंसू गैस के गोलों को निष्क्रिय करने के लिए किसानों ने वाटर स्प्रे और गीली बोरियां लगाई है.