बिहार चुनाव से पहले सीएम नीतीश ने दिया बड़ा तोहफा, विकास मित्रों को टैबलेट और शिक्षा सेवकों को स्मार्टफोन खरीदने को मिलेगी आर्थिक मदद

Patna: बिहार सरकार ने आज सुबह-सुबह बड़ा तोहफा दिया है, सरकार ने हमेशा से “न्याय के साथ विकास” के सिद्धांत को अपनाते हुए समाज के हर वर्ग तक विकास की रोशनी पहुंचाने का संकल्प लिया है। विशेषकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महादलित, दलित, अल्पसंख्यक तथा अति पिछड़ा वर्ग जैसे वंचित समूहों को जोड़ना सरकार की प्राथमिकता रही है। इसी कड़ी में सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।
महादलित विकास मिशन के तहत कार्यरत विकास मित्रों की भूमिका इस दिशा में बहुत अहम मानी जाती है। ये लोग न केवल योजनाओं की जानकारी लाभार्थियों तक पहुंचाते हैं, बल्कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का वास्तविक लाभ भी उन्हें दिलाने में सेतु का काम करते हैं। इन्हीं के प्रयासों से लाभुकों का डाटा संधारण और समय पर जानकारी उपलब्ध हो पाती है। उनकी इस महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि प्रत्येक विकास मित्र को टैबलेट क्रय हेतु एकमुश्त 25 हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। टैबलेट उपलब्ध होने से विकास मित्रों को डाटा एंट्री, योजनाओं का ऑनलाइन अपडेट और क्षेत्रीय कार्यों के निष्पादन में काफी सुविधा होगी।
न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर चलते हुए समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए हमारी सरकार लगातार काम कर रही है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग तक सरकार की विभिन्न विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में विकास मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसे ध्यान में रखते…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) September 21, 2025
विकास मित्रों के भत्तों में भी वृद्धि की गई है। अब तक उन्हें 1900 रुपये प्रतिमाह परिवहन भत्ता मिलता था, जिसे बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। इसी तरह स्टेशनरी भत्ता को भी 900 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। इस कदम से उन्हें क्षेत्र भ्रमण, लाभुकों के घर-घर संपर्क और दस्तावेजों के संधारण जैसे कार्यों में आसानी होगी।
राज्य सरकार ने सिर्फ विकास मित्र ही नहीं, बल्कि समाज में शिक्षा का प्रकाश फैलाने वाले शिक्षा सेवक भी इस नई पहल में शामिल किए गए हैं। ये शिक्षा सेवक महादलित, दलित, अल्पसंख्यक और अति पिछड़े वर्ग के बच्चों तक शिक्षा का लाभ पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभाते हैं। साथ ही ‘अक्षर आंचल योजना’ के अंतर्गत वे ग्रामीण महिलाओं को साक्षर बनाने का कार्य भी पूरी लगन से कर रहे हैं। इनकी महत्ता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने प्रत्येक शिक्षा सेवक को डिजिटल कार्यों में दक्ष बनाने के उद्देश्य से स्मार्टफोन क्रय हेतु 10-10 हजार
रुपये की राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।इसी क्रम में शिक्षा सेवकों को मिलने वाली शिक्षण सामग्री मद में भी बड़ा इजाफा किया गया है। पहले उन्हें 3405 रुपये प्रति केंद्र प्रतिवर्ष मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 6000 रुपये प्रतिवर्ष कर दिया गया है। इस राशि से वे अधिक शिक्षा की आवश्यक सामग्री खरीद सकेंगे।
राज्य सरकार की इन पहलों से न केवल विकास मित्रों एवं शिक्षा सेवकों के मनोबल में वृद्धि होगी और वे अधिक उत्साह एवं लगन से अपने कार्यों का निष्पादन करेंगे। जब ये लोग पूरी लगन और आत्मविश्वास से काम करेंगे, तभी सरकार का उद्देश्य समाज के हर वंचित वर्ग तक विकास और न्याय पहुंचाना जा सकता है। इन सभी फैसलों का असर आने वाले बिहार विधानसभा चुनावों पर कितना होगा, यह देखने वाली बात होगी।