Bihar News: मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग ने दी बड़ी राहत, 1 महीने तक जुड़वा सकेंगे वोटर लिस्ट में नाम

Bihar Voter List Revision: बिहार में मतदाता सूची से नाम हटाने को लेकर मचे राजनीतिक घमासान और विरोध प्रदर्शनों के बीच चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे आम मतदाताओं और राजनीतिक दलों दोनों को राहत मिली है। आयोग ने घोषणा की है कि 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक सभी पात्र नागरिक और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
चुनाव आयोग के मुताबिक, यह विशेष अभियान यह सुनिश्चित करने के लिए चलाया जाएगा कि कोई भी योग्य मतदाता सूची से वंचित न रह जाए। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि SIR आदेश के पृष्ठ 3, पैरा 7(5) के अनुसार, यह एक महीने का अतिरिक्त समय सभी मतदाताओं और राजनीतिक दलों को दिया जा रहा है।
क्या है चुनाव आयोग का आदेश?
1.फॉर्म ना भरने वालों, मृतकों व स्थायी रूप से प्रवास कर चुके मतदाताओं की बूथ स्तर की सूची, BLO/ERO/DEO/CEO सभी राजनैतिक दलों से 20 जुलाई को साझा कर चुके हैं ताकि वे किसी भी त्रुटि को बता सकें।
2. SIR ऑर्डर के अनुरूप, 1 सितंबर तक कोई भी निर्वाचक या कोई भी राजनीतिक दल नाम छूटने पर दावा या गलत नाम शामिल होने पर आपत्ति दे सकते हैं।
3. 99% मतदाता कवर किये जा चुके हैं।
4. स्थानीय BLOS/BLAs द्वारा 21.6 लाख मृत मतदाताओं के नाम पाए गए हैं।
5. स्थानीय BLOS/BLAS द्वारा 31.5 लाख स्थायी रूप से प्रवास कर चुके मतदाताओं के नाम पाए गए हैं।
6. स्थानीय BLOS/BLAs दद्वारा 7 लाख मतदाताओं के वोट एक से ज्यादा जगह पाए गए हैं।
7. स्थानीय BLOS/BLAs के अनुसार, 1 लाख मतदाताओं का कोई पता नहीं चल पा रहा है।
8. स्थानीय BLOS/BLAs के घर-घर दौरों के बावजूद भी, 7 लाख से कम मतदाताओं के फॉर्म अभी वापस नहीं मिले हैं।
9. 7.21 करोड़ मतदाताओं (91.32%) के फॉर्म प्राप्त और डिजिटाइज्ड हो चुके हैं। इन सब मतदाताओं के नाम प्रारूप मतदाता सूची में शामिल होंगे। बाक़ी फॉर्म भी BLO/BLAS की रिपोर्ट के साथ डिजिटाइज हो रहे हैं ताकि दावा व आपत्ति के समय जांच करने में आसानी हो।
10. SIR ऑर्डर के अनुरूप, 1 अगस्त, 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जानी हैं और सभी 12 राजनैतिक दलों को उसकी प्रिंटेड तथा डिजिटल कॉपी दे दी जाएगी; प्रारूप मतदाता सूची वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहेगी। निर्वाचन आयोग एक बार फिर दोहराता है कि SIR के आदेशों के अनुरूप, 1 सितंबर तक, कोई भी निर्वाचक या राजनैतिक दल नाम छूटने पर दावा या गलत नाम शामिल होने पर आपत्ति दे सकते हैं।
इस विशेष अभियान का उद्देश्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी एवं समावेशी बनाना है, ताकि हर योग्य मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।
Bihar Voter List Revision: बिहार में मतदाता सूची से नाम हटाने को लेकर मचे राजनीतिक घमासान और विरोध प्रदर्शनों के बीच चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे आम मतदाताओं और राजनीतिक दलों दोनों को राहत मिली है। आयोग ने घोषणा की है कि 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक सभी पात्र नागरिक और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
चुनाव आयोग के मुताबिक, यह विशेष अभियान यह सुनिश्चित करने के लिए चलाया जाएगा कि कोई भी योग्य मतदाता सूची से वंचित न रह जाए। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि SIR आदेश के पृष्ठ 3, पैरा 7(5) के अनुसार, यह एक महीने का अतिरिक्त समय सभी मतदाताओं और राजनीतिक दलों को दिया जा रहा है।
क्या है चुनाव आयोग का आदेश?
1.फॉर्म ना भरने वालों, मृतकों व स्थायी रूप से प्रवास कर चुके मतदाताओं की बूथ स्तर की सूची, BLO/ERO/DEO/CEO सभी राजनैतिक दलों से 20 जुलाई को साझा कर चुके हैं ताकि वे किसी भी त्रुटि को बता सकें।
2. SIR ऑर्डर के अनुरूप, 1 सितंबर तक कोई भी निर्वाचक या कोई भी राजनीतिक दल नाम छूटने पर दावा या गलत नाम शामिल होने पर आपत्ति दे सकते हैं।
3. 99% मतदाता कवर किये जा चुके हैं।
4. स्थानीय BLOS/BLAs द्वारा 21.6 लाख मृत मतदाताओं के नाम पाए गए हैं।
5. स्थानीय BLOS/BLAS द्वारा 31.5 लाख स्थायी रूप से प्रवास कर चुके मतदाताओं के नाम पाए गए हैं।
6. स्थानीय BLOS/BLAs दद्वारा 7 लाख मतदाताओं के वोट एक से ज्यादा जगह पाए गए हैं।
7. स्थानीय BLOS/BLAs के अनुसार, 1 लाख मतदाताओं का कोई पता नहीं चल पा रहा है।
8. स्थानीय BLOS/BLAs के घर-घर दौरों के बावजूद भी, 7 लाख से कम मतदाताओं के फॉर्म अभी वापस नहीं मिले हैं।
9. 7.21 करोड़ मतदाताओं (91.32%) के फॉर्म प्राप्त और डिजिटाइज्ड हो चुके हैं। इन सब मतदाताओं के नाम प्रारूप मतदाता सूची में शामिल होंगे। बाक़ी फॉर्म भी BLO/BLAS की रिपोर्ट के साथ डिजिटाइज हो रहे हैं ताकि दावा व आपत्ति के समय जांच करने में आसानी हो।
10. SIR ऑर्डर के अनुरूप, 1 अगस्त, 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जानी हैं और सभी 12 राजनैतिक दलों को उसकी प्रिंटेड तथा डिजिटल कॉपी दे दी जाएगी; प्रारूप मतदाता सूची वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहेगी। निर्वाचन आयोग एक बार फिर दोहराता है कि SIR के आदेशों के अनुरूप, 1 सितंबर तक, कोई भी निर्वाचक या राजनैतिक दल नाम छूटने पर दावा या गलत नाम शामिल होने पर आपत्ति दे सकते हैं।
इस विशेष अभियान का उद्देश्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी एवं समावेशी बनाना है, ताकि हर योग्य मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।