बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी बोले- अब लालू परिवार को कोई नहीं बचा सकता, नीतीश कुमार या कोई और कितने भी प्रयास कर ले
New Delhi: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के साथ तेजस्वी यादव भी नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में ईडी और सीबीआई की जांच का सामना कर रहे हैं।
अब इस मामले में भाजपा के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक बार फिर से बयान दिया है और लालू परिवार के खिलाफ चल रही जांच के लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह को जिम्मेदार बताया है।
नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, "नौकरी के बदले जमीन लिखवाने का जो मामला है, उसके सभी दस्तावेज ललन सिंह ने CBI को उपलब्ध कराए थे। पहले यूपीए की सरकार थी तो मामला दबा दिया गया। उसी मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई है। इसमें CBI के पास पुख्ता सबूत हैं जिसके आधार पर कार्रवाई हो रही है। नीतीश कुमार या फिर कोई और कितने भी प्रयास कर ले, अब लालू परिवार को नहीं बचा सकता है।"
इससे पहले बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि नीतीश कुमार लालू परिवार को जेल में जाते हुए देखना चाहते हैं। भाजपा नेता ने कहा था, "तेजस्वी यादव को सीएम बनाने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से नीतीश कुमार पर दबाव था। छापेमारी के बाद अब ये दबाव खत्म हो जाएगा। नीतीश कुमार चाहते हैं कि तेजस्वी यादव जेल जाएं और इसलिए वह कह रहे हैं कि सीबीआई को तेजी से जांच करनी चाहिए।"
दरअसल जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के द्वारा की गई शिकायत के बाद ही रेलवे में जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले की सीबीआई जांच शुरू हुई थी। इस तथ्य को भाजपा नेता बार-बार दोहरा रहे हैं।
फिलहाल इस मामले में 15 मार्च 2023 को लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी समेत 14 अन्य लोगों को दिल्ली की अदालत ने बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी है। राउज एवेन्यू कोर्ट में लालू यादव और उनकी पत्नी की पेशी थी, इस दौरान कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 50,000 का निजी जमानती मुचलका राशि जमा करने का आदेश देते हुए उन्हें जमानत दे दी।
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि जिन उम्मीदवारों को रेलवे में विकल्प के रूप में नौकरी मिली उन्होंने या तो सीधे या अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के माध्यम से लालू परिवार के सदस्यों को अत्यधिक रियायती दरों पर जमीने बेच दी।