जयपुर जिला कलक्टर ने गैर मान्यता प्राप्त नशामुक्ति केंद्रों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के दिए निर्देश

Jaipur, 25 July: मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के निर्देशों की अनुपालना में शुक्रवार को जयपुर कलेक्ट्रेट में आयोजित नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर की जिला स्तरीय समिति की बैठक में जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने अधिकारियों को गैर मान्यता प्राप्त नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ सघन जांच अभियान चलाने औरप्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को जिले में युवाओं को नशे की लत से दूर करने और दूर रखने के लिए कार्ययोजना का क्रियान्वयन के निर्देश दिये।
जिला कलक्टर ने अधिकारियों को मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन, भंडारण एवं परिवहन पर सख्त कार्रवाई करने के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने अधिकारियों को सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान करने वालों के साथ-साथ शिक्षण संस्थाओं के पास स्थित दुकानों पर तम्बाकू उत्पाद बेचने पर कार्रवाई के निर्देश दिए। दवा दुकानों की जांच करने एवं प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री, तय सीमा से अधिक दवा बिक्री, बिना लाइसेंस के दवा बिक्री सहित समस्त प्रकार की अनियमितताओं के खिलाफ भी प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
जिला कलक्टर ने औषधि नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को जिले की शत प्रतिशत दवा दुकानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए दुकानदारों को प्रेरित करने के निर्देश दिये। औषधि नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि नियमों का उल्लंघन करने वाले एवं प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री करने वाले दवा विक्रेताओं के खिलाफ लाइसेंस निलंबन एवं निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है। कलेक्टर ने युवाओं को नशे की जद में आने से बचाने के लिए सघन जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया।
उन्होंने नशा मुक्त जयपुर अभियान को जन-जन का अभियान बनाने के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल एवं सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार— प्रसार सुनिश्चित कर अधिक से अधिक युवाओं को अभियान के तहत ई-शपथ लेने के लिए प्रेरित करने भी निर्देश दिये।
जिला पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्रीमती राशि डोगरा डूडी ने बताया कि कोटपा अधिनियम, 2003 सिगरेट और तंबाकू से जुड़े उत्पादों पर नियंत्रण रखने के लिए बनाया गया है। इस अधिनियम के तहत सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करना, तंबाकू बेचना और तंबाकू से जुड़े विज्ञापन करना मना है। कोटपा अधिनियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना और जेल हो सकती है। 18 साल से कम उम्र के बच्चों को तंबाकू एवं इससे बने नशीले पदार्थ बेचना निषेध है। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा विद्यार्थियों को नशे से दूर रखने के लिए विशेष जागरूकता अभियान ऑपरेशन नॉक आउट चलाया जा रहा है।
बैठक में जानकारी दी गई कि एनडीपीएस एक्ट की धारा 68 (एफ) के तहत नारकोटिक्स के मुकदमे के अपराधियों के विरुद्ध वित्तीय जांच करने का प्रावधान है। एक्ट के प्रावधानों के तहत इस मुकदमे के 6 साल पूर्व तक की अवधि में मादक पदार्थों के अवैध व्यापार से अर्जित संपत्तियों, चाहे वह परिवार के किसी अन्य सदस्य के नाम पर हो अथवा बेनामी हो, को सीज अथवा फ्रीज किया जा सकता है। एक्ट के तहत वाणिज्यिक मात्रा में बरामद मादक पदार्थों के तस्करों एवं ऐसी प्रवृत्तियों में अभ्यस्त तस्करों को एक साल तक जेल में निरुद्ध करने का भी प्रावधान है। उन्होंने बताया कि आमजन मानस पोर्टल अथवा हेल्पलाइन नंबर 1933 पर ऐसे अपराधियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को जिले में बिना लाइसेंस के संचालित अवैध नशामुक्ति केन्द्रों पर प्रभावी कार्रवाई के एवं नवजीवन योजना के चिन्हित व्यक्तियों परिवारों को योजना के लाभांवित करने के लिए निर्देशित दिये।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (दक्षिण) श्री संतोष कुमार मीणा सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, औषधि नियंत्रक विभाग, कृषि विभाग, शिक्षा विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, वन विभाग सहित अन्य विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।