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Jaipur News: पशुपालन, गोपालन और मत्स्य शासन सचिव समित शर्मा की अध्यक्षता में पशुपालन विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक संपन्न, अधिकारियों को दिए दिशा निर्देश

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Jaipur News: पशुपालन, गोपालन और मत्स्य शासन सचिव समित शर्मा की अध्यक्षता में पशुपालन विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक संपन्न, अधिकारियों को दिए दिशा निर्देश

Jaipur: शासन सचिव पशुपालन, गोपालन और मत्स्य डॉ समित शर्मा ने राज्य सरकार की योजनाओं का पशुपालकों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। डॉ शर्मा ने मंगलवार को शासन सचिवालय में पशुपालन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, एएमएस और के पी आई आधारित ग्रेडिंग प्रणाली सहित अन्य विषयों की प्रगति की समीक्षा की।

बैठक में शासन सचिव ने कहा कि 17 सितंबर से आयोजित होने वाले ग्रामीण सेवा शिविर में पशुपालन विभाग के लोग अनुशासित, कर्मठ और तत्पर होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं और भीड़ में अपनी अलग पहचान में दिखें। इन शिविरों के दौरान पशुपालन विभाग द्वारा पशु चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाएगा जिसमें रोगी पशुओं के उपचार और टीकाकरण आदि गतिविधियों के लिए सभी से सक्रिय होकर काम करने के निर्देश डॉ शर्मा ने दिए। शासन सचिव ने निर्देश दिए कि शिविरों के दौरान टीकाकरण अभियान, मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना, मोबाइल वेटरिनरी यूनिट और कॉल सेंटर तथा चैटबॉट , सेक्स सॉर्टेड सीमन से कृत्रिम गर्भाधान आदि योजनाओं का अधिकाधिक प्रचार प्रसार किया जाए। ग्रामीण सेवा शिविरों में मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के बीमा सर्टिफिकेट भी वितरित किए जाएंगे जिसके लिए शासन सचिव ने अधिकारियों को एसआइपीएफ से समन्वय कर पूरी योजना बनाने के निर्देश दिए।

डॉ शर्मा ने मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है जहां इतनी अधिक संख्या में पशुओं का बीमा हुआ है। इसके लिए उन्होंने विभाग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अब बचे हुए बीमा को काम 30 सितंबर तक किसी भी हालत में पूरा करें। 1 अक्टूबर से वर्ष 2025-26 का बीमा कार्य शुरू किया जाएगा। डॉ शर्मा ने बताया कि पिछले साल के अनुभवों से सबक लेते हुए इस वर्ष बीमा का कार्य एक ही चरण में किया जाएगा जिससे समय और मैन पावर की तो बचत होगी ही साथ ही पशुपालकों को बीमा का लाभ भी समय से मिल सकेगा। 

सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक के उपयोग की समीक्षा करते हुए डॉ समित शर्मा ने कहा कि यह पशुपालन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है जो पशुपालकों को चार गुना फायदा देगी। उन्होंने अधिकारियों से इस तकनीक के उपयोग की अब तक की प्रगति की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि अब तक प्रदेश में दो लाख स्टा्रॅ की आपूर्ति के विरूद्ध मात्र 36 हजार 317 पशुओं का ही कृत्रिम गर्भाधान किया गया है इस पर असंतोष व्यक्त करते हुए शासन सचिव ने इसके प्रति उदासीनता के कारण का पता लगाते हुए इसकी सघन मॉनिटरिंग करने के सख्त निर्देश दिए और इसकी संख्या बढ़ाने को कहा।  उन्होंने कृत्रिम गर्भाधान का इन्द्राज पशुधन एप पर किए जाने के भी निर्देश प्रदान किए। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सेक्स सॉर्टेड सीमन से ही एआई करनी है इसके लिए पशुधन निरीक्षक को प्रशिक्षण की आवश्यकता है। उन्होंने आरएलडीबी को इस प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के लिए निर्देश प्रदान किए।

लंपी रोग प्रतिरोधक सहित अन्य संक्रामक रोगों से बचाव हेतु किए जा रहे टीकाकरण की समीक्षा करते हुए डॉ शर्मा ने टीकाकरण की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि निर्धारित समयावधि में शत प्रतिशत टीकाकरण पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि जहां भी लंपी के लक्षणों की शिकायत मिलती है वहां पशुओं को आइसालेट करें। एफएमडी टीकाकरण के लिए डॉ शर्मा ने अधिकारियों को साप्ताहिक लक्ष्य निर्धारित करते हुए शत प्रतिशत टीकाकरण कर उनका इन्द्राज पशुधन एप पर करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि पशु चिकित्सा संस्थाओं में उनकी मांग के अनुरूप दवाओं की उपलब्धता हर हाल में सुनिश्चित की जाए जिससे किसी भी परिस्थिति में दवाइयों की कमी से कार्य बाधित न हो। उन्होंने चिकित्सालयों में उपलब्ध औषधियों और उपकरणों के नियमित सदुपयोग पर बल दिया और कहा कि जिन संस्थाओं में औषधियों का समय पर समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है उन औषधियों को आवश्यकतानुसार अन्य संस्थाओं में वितरित किया जाए।

डॉ शर्मा ने नवीन पशु चिकित्सा संस्थाओं हेतु पट्टों की उपलब्धता की प्रगति पर भी संतोष व्यक्त करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला कलक्टर्स से मिलकर इस संबंध में काम को और गति दें। उल्लेखनीय है कि अब तक 444 भवनों के लिए जमीन के पट्टे प्राप्त हो चुके हैं जबकि शेष पट्टे भी शीघ्र प्राप्त हो जाएंगे।

डॉ शर्मा ने संस्थाओं के मुख्य निष्पादन संकेतक (केपीआई) आधारित 100 अंकों की रैंकिंग प्रणाली की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी पशु चिकित्सा संस्थानों की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो। इस अंक प्रणाली के तहत शीर्ष रहे जिलों की प्रशंसा करते हुए डॉ शर्मा ने अन्य जिलों को भी इनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का संदेश दिया।

जिलों के संयुक्त निदेशकों को निर्देश दिए कि उनके अधीनस्थ सभी संस्थाएं समय पर खुलने के साथ साथ सभी कार्मिको की उपस्थिति सुनिश्चित हो और सभी कार्मिक अनुशासन और निष्ठा से काम करें। उन्होंने कहा कि विभाग में कामचोरी, भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता बिल्कुल बरदाश्त नहीं की जाएगी। शासन सचिव ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट  कार्य करने वाले पशु चिकित्सकों से व्यक्तिगत रूप से बात की और उनकी सराहना करते हुए अन्य चिकित्सकों को उनसे प्रेरणा लेने की सलाह दी।

बैठक में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अकादमिक चर्चा भी हुई जिसमें विभाग के अधिकारियों के साथ साथ जिलों के पशु चिकित्सा अधिकारियों ने भी भाग लिया। शासन सचिव ने जिलों से विभाग को श्रेष्ठता की ओर ले जाने के लिए रचनात्मक सुझाव भी आमंत्रित किए।

इस अवसर पर विभाग के निदेशक डॉ आनंद सेजरा ने सभी जिलों के संयुक्त निदेशकों कहा कि गा्रमीण सेवा शिविर हमारे विभाग की योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए एक अच्छा मौका है। उन्होंने कहा कि हमें अपने विभाग को और बेहतर बनाने के पूरा प्रयास और सुधार करने की आवश्यकता है। हम ड्यूटी समय मे ड्यूटी पर जाएं और ईमानदारी से अपने काम को अंजाम दें।

राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में पशुपालन निदेशक तथा आरएलडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ आनंद सेजरा, पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ सुरेश मीना, डॉ प्रवीण सेन, डॉ विकास शर्मा, डॉ ओमप्रकाश बुनकर, डॉ हेमंत पंत सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। संभाग के अतिरिक्त निदेशक, जिलों के संयुक्त निदेशक सहित वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।

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