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लॉरेन्स बिश्नोई गैंग नाम से E-mail बागेश्वरधाम के धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को जान से मरने की धमकी, आरोपी गिरफ़्तार

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लॉरेन्स बिश्नोई गैंग नाम से E-mail बागेश्वरधाम के धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को जान से मरने की धमकी, आरोपी गिरफ़्तार 

Bageshwar dham Dhirendra Shastri: बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के नाम से हत्या करने की धमकी देकर 10 लाख रूपये की फिरौती मागने बाले आऱोपी को छतरपुर पुलिस ने पटना बिहार से गिरफ्तार किया है।

दिनांक 19/10/2023 को बागेश्वरधाम की ईमेल आईडी पर मेल के माध्यम से बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को अज्ञात आरोपी के द्वारा लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के नाम से जान से मारने की धमकी देकर एक दिन का समय दिया गया था।

जान बचाने के लिये आरोपी के द्वारा बागेश्वरधाम के धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री से 10 लाख रूपये की माँग की गई थी। जिसकी सूचना थाना बमीठा मे दिनांक 20/10/23 को प्राप्त होने पर संवेदनशील होने से तुरंत थाना बमीठा मे अज्ञात आरोपी के विरूद्व पंजीबद्व कर विवेचना मे लिया गया।

पुलिस अधीक्षक छतरपुर अमित सांघी के संज्ञान मे आने पर तुरंत सभी वरिष्ठ अधिकारियो को अवगत कराया गया और घटना की गंभीरता को देखते हुये अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह और एसडीओपी खजुराहो सलिल शर्मा के नेतृत्व मे टीम गठित की गई। अपराध की प्रकति को दृष्टिगत रखते हुये राज्यस्तरीय और राष्ट्रीयकृत ऐजेन्सियो के माध्यम से अपराध की विवेचना प्रारंभ की गई थी।

अज्ञात आरोपी के द्वारा कोई उत्तर प्राप्त न होने पर दिनांक 22/10/23 को दोबारा धमकी भरा ईमेल किया गया और टाईम खत्म होने की धमकी दी गई पुलिस अधीक्षक छतरपुर अमित सांघी द्वारा साईबर सेल के माध्यय से प्रादेशिक नोडल ऐजेसी को आवश्यक पत्राचार कर राष्ट्रीय अनुसंधान अभिकरण के माध्यम से छतरपुर पुलिस के इंटरपोल की सहायता से स्विरटजरलैण्ड की ऐेजेसियो से जानकारी प्राप्त कर इंटरनेट व अन्य साक्ष्यो को एक दूसरे से जोडकर आरोपी निवासी ग्राम शंकरडीह जिला नालंदा बिहार हाल नि. कंकरबाग पटना बिहार की पहचान कर एक योग्य एवं अनुभवी पुलिस दल भेजकर आरोपी को हिरासत मे लिया गया एवं घटना मे प्रयुक्त मोबाईलो को बरामद कर सुरक्षित किया गया , आरोपी को अभिरक्षा मे लेकर पूछतांछ कर मेमोरेण्डम लेख कर जप्ती एवं गिरफतारी की कार्यवाही कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया माननीय न्यायालय द्वारा न्यायिक अभिरक्षा मे निरूद्व किया गया।

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