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Meerut Accident: मेरठ हादसे में मरे कांवड़ियों के बच्चों का छलका दर्द, पापा नहीं रहे, कौन रखेगा ख्याल

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Meerut Accident: मेरठ हादसे में मरे कांवड़ियों के बच्चों का छलका दर्द, पापा नहीं रहे, कौन रखेगा ख्याल

Meerut Accident: निवार को भावनपुर थाना क्षेत्र के राली चौहान गांव में दर्दनाक हादसा हो गया. गांव के कुछ युवक हरिद्वार से डीजे वाली कावड़ लेकर आ रहे थे जो कि 11,000 केवी की हाईटेंशन लाइन के नीचे से जब गुजरी तो पूरी गाड़ी में करंट फैल गया.

करंट फैलने से 6 कावड़ियों की मौत हो गई. मृतकों में करीब 40 साल के लखमी की भी मृत्यु हुई. लखमी की मौत के बाद परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है. बच्चे बार-बार पूछ रहे हैं कि ‘पापा नहीं रहे, अब कौन उनका ख्याल रखेगा’. परिजनों ने बताया कि घर में लखमी एक मात्र कमाने वाला व्यक्ति था.

लखमी के भाई प्रतिम सिंह ने बताया कि वह उनका सगा भाई था. लखमी शहर में ई रिक्शा चलाता था और जैसे-तैसे 300-400 रुपए कमा कर घर का गुजरा कर रहा था. अब घर में छोटे बच्चे हैं जो अभी नाबालिग हैं, पत्नी रेखा को काम काज की जानकारी नहीं है और न ही वो पढ़ी लिखी है. अब परिवार परेशान इस बात से है की कैसे बच्चों और लखमी की पत्नी अपना जीवन यापन करेंगी.

लखमी के भाई ने बताया कि उनके परिवार की माली हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि घर कच्ची इट से बना है. छत पर बांस के डंडे और छप्पर डाले हुए हैं, सोने के लिए एक बिस्तर और एक खाट है. जहां सोने की व्यवस्था है वहीं रसोई का समान भी रखा हुआ है. गाय के गोबर के उपलों से चूल्हा जलता है. अब ऐसी माली हालत में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसे कोई बिना किसी मदद के काम काज कर पाएगा.

लखमी के भाई, बहन और पत्नी तीनों ने एक सुर में सरकार से बच्चों के भविष्य के बारे में सोचते हुए मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग की है. ताकि बच्चो का पालन पोषण होता रहे. वहीं जब गांव के अंदर जा कर देखा गया तो हाई टेंशन लाइन के बीच में ही घरों का निर्माण कराया हुआ है. फिलहाल डीएम दीपक मीणा के आदेश के बाद जांच कमेटी को 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. इस कमेटी में 4 सदस्य शामिल किए गए हैं जिन्हें को सख्त आदेश दिए गए हैं कि 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट सबमिट की जाए.