MP News: शिप्रा नदी का जल स्तर बढ़ा, जलमग्न हुआ रामघाट का मंदिर
Ujjain: मध्य प्रदेश के उज्जैन और आस-पास के क्षेत्रों में हुई तेज वर्षा से शिप्रा नदी का जल स्तर बढ़ गया है। शहर में मंगलवार को दोपहर पश्चात् सबसे तेज बरसात हुई। पूरा शहर पानी से तरबतर हो गया।
मुख्य सड़कों समेत कई कालोनियों में घुटनों तक पानी भर गया। आवाजाही बाधित हो गई। बेगमबाग, मंछामन, छोटी कमल कालोनी समेत कई कालोनियों में तो लोगों के घरों तक में पानी तक भर गया। उज्जैन नगर निगम का अमला ताकत आजमाता दिखाई दिया। बारिश का दौर देर रात तक चलता रहा। बता दें कि मंगलवार को दोपहर 2.30 बजे से पहले बादल छाए हुए थे
लोग उमस से परेशान हो रहे थे, कि अचानक काले घने बादल छाए, हवा की गति बढ़ी तथा ऐसी बरसात हुई कि घंटेभर में ही पूरा शहर पानी से तरबतर हो गया। इससे मौसम में ठंडक भी घुल गई। बरसात देर रात तक जारी रही।
देर शाम तक ढाई इंच से ज्यादा बरसात हुई। इससे इस सीजन में हुई बरसात का आंकड़ा बढ़कर 10 इंच (250 मिलीमीटर) से ज्यादा पहुंच गया। इधर, जल निकासी का इंतजाम ठीक न होने से कई कालोनियों की सड़कों पर पानी भरा गया। नगर निगम एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कंट्रोल रूम पर जल जमाव की शिकायतें भी पहुंची। शिकायत प्राप्त होते ही अफसर जेबीसी, पोकलेन एवं कुछ कर्मचारी लेकर मंछामन, बेगमबाग कालोनी में पहुंचे और राहत कार्य में जुटे। अधिकारीयों को इस बात की चिंता रही कि नालों का पानी कहीं उफनकर महाकाल महालोक में न घुस जाए। इसलिए उन्होंने दोगुनी ताकत लगाकर बरसते पानी में भी कार्य किया।
केचमेंट एरिया में बरसात की वजह से शिप्रा नदी और गंभीर बांध में जल स्तर बढ़ा है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुताबिक, गंभीर बांध में मंगलवार की बरसात से पानी बढ़ा है। पिछले 7 दिनों में कुल 150 मिलियन क्यूबिक फीट (एमसीएफटी) पानी गंभीर बांध में बढ़ चुका है।
बांध में अब 389 एमसीएफटी पानी उपलब्ध हो गया है। बांध की क्षमता 2250 एमसीएफटी है। महाकाल मंदिर में बारिश का पानी नंदी हॉल में प्रवेश कर गया, मंदिर प्रशासन ने मोटरें लगाकर पानी बाहर निकलवाया। मंदिर प्रशासन के मुताबिक, परिसर में निर्माण कार्य चलने की वजह से नालियां जाम हो गई थीं। अचानक आई तेज वर्षा की वजह से नालियों से पानी की निकासी नहीं हो पाई तथा परिसर का पानी रैंप से नंदी हॉल में प्रवेश कर गया। पानी निकलाने के लिए तत्काल मोटरे लगाई गई तथा पाइप से पानी लिफ्ट कर बाहर फेंका गया। तत्काल नालियों की सफाई कर जल निकासी सुगम कराई गई। उल्लेखनीय है कि यह स्थिति बीते वर्ष भी बनी थी।