खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की नई तस्वीर आई सामने, रासुका के तहत एक और सहयोगी लिया गया हिरासत में

Amritpal Singh Arrest Operation: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की उसके प्रमुख सहयोगी पापलप्रीत सिंह के साथ एक नई तस्वीर सोमवार को सोशल मीडिया पर सामने आई. अधिकारियों ने कहा कि संबंधित तस्वीर खालिस्तान समर्थक के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई शुरू होने के एक दिन बाद की है, जिसमें दोनों लोग आरामदेह मुद्रा में दिखते हैं और अमृतपाल सिंह पेय पदार्थ की कैन पकड़े नजर आता है.
बताते चलें कि 18 मार्च को पंजाब में कट्टरपंथी उपदेशक और उसके संगठन 'वारिस पंजाब दे' के सदस्यों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई शुरू होने के बाद से अमृतपाल सिंह लापता है. इन सबके बीच, एक अन्य घटनाक्रम में अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी वरिंदर सिंह उर्फ फौजी को अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने धर दबोचा. पुलिस ने कहा कि वह खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के निजी सुरक्षा दस्ते का हिस्सा था. इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि वरिंदर सिंह पर रासुका लगाया गया है और उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा जा रहा है, जहां अमृतपाल सिंह के कुछ कथित सहयोगी पहले से ही संबंधित कानून के तहत बंद हैं.
वहीं, वायरल तस्वीर में दिख रहा पापलप्रीत सिंह अमृतपाल सिंह का मार्गदर्शक बताया जाता है. वह कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था. इस तस्वीर में अमृतपाल सिंह जैकेट, पगड़ी और चश्मा पहने नजर आता है. उसके पास बैठा उसका साथी स्वेटशर्ट पहने दिखाई देता है. गिरफ्तार साथी की रिहाई के लिए अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के अमृतसर के पास स्थित अजनाला थाने में घुसने के लगभग तीन सप्ताह बाद पुलिस अभियान शुरू हुआ. पुलिस ने पहले कहा था कि अमृतपाल सिंह और पापलप्रीत सिंह को 19 मार्च को हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद में एक महिला ने कथित तौर पर अपने घर में शरण दी थी.
25 मार्च को एक सीसीटीवी फुटेज में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह कथित तौर पर मोबाइल फोन पर बात करते दिखा था. अमृतपाल 18 मार्च को जालंधर जिले में पुलिस के जाल से बच निकला था. उसके और उसके सहयोगियों के खिलाफ वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिसकर्मियों पर हमले और लोकसेवकों के कर्तव्य निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित कई आपराधिक आरोपों के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. पंजाब पुलिस ने रविवार को कहा कि उसने एहतियातन हिरासत में लिए गए 353 लोगों में से 197 लोगों को रिहा कर दिया है.