Cauvery Water Dispute: कावेरी जल विवाद को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार से की अपील
कावेरी नदी विवाद दोनों राज्यों के किसानों के लिए हमेशा से विवाद का कारण रहा है, कावेरी जल बंटवारे के लिए कर्नाटक और तमिलनाडु सरकार के बीच बहुत लंबे समय से विवाद छिड़ा हुआ है. क्योंकि कावेरी नदी दोनों राज्यों के किसानों के लिए जीविका का प्रमुख स्रोत है. कावेरी जल विनियम समिति ने कर्नाटक को 28 सितंबर से 15 अक्टूबर 2023 तक बिलिंगुडलू में 3000 क्युसेक कावेरी पानी छोड़ने के लिए आदेश जारी किया था.
वहीं आदेश को चुनौती देते हुए कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और सीडब्ल्यूएमए(कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण) दोनों में याचिका दायर की थी. पिछले हफ्ते तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पानी की कमी के कारण धान की खेती से पीड़ित किसानों को 13500 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने का ऐलान किया था. केंद्र सरकार ने तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और पुडुचेरी के बीच उनकी व्यक्तिगत जल-साझाकरण संबंध में विवादों के निपटारा के लिए 2 जून, 1990 को कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण (सीडब्ल्यूडीटी) का गठन किया था.